[ad_1] ‘विक्रम’ की विस्तृत समीक्षा: पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं ऐसी कहावत है और ऐसा ही कुछ हुआ तमिल फिल्मों के निर्देशक लोकेश कनकराज के साथ. फैशन टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन, फिर एमबीए के बाद बैंक में नौकरी के बाद एक दिन लोकेश कनकराज क्लबेस शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल के लिए अपनी बनाई एक