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Tag: भगवान को चढ़ाए जाने वाले फूल कब तोड़ने चाहिए?
भगवान को चढ़ाए जाने वाले फूल, बेलपत्र और तुलसीदल कब तोड़ने चाहिए? प्रेमानंद महाराज ने बताया सही विधान
pooja main kitne din purane phool chadhaye ja sakte hain, Tulsi Puja Niyam, और, क, कब, क्या बिना नहाए फूल तोड़ना सही है?, चढए, चहए, जन, तडन, तलसदल, तुलसी तोड़ने के नियम, देवी-देवता को कभी न चढ़ाएं ऐसे फूल, न, परमनद, पूजा में किन फूलों का प्रयोग नहीं करना चाहिए, प्रेमानंद बाबा, प्रेमानंद महाराज, फल, फूल चढ़ाने का सही तरीका, बतय, बलपतर, भगवन, भगवान को कितने दिन के फूल चढ़ाए जा सकते हैं, भगवान को चढ़ाए जाने वाले फूल कब तोड़ने चाहिए?, भगवान को पुरानी तुलसी चढ़ा सकते हैं, भगवान को फूल चढ़ाने के भी हैं कुछ नियम, महरज, वधन, वल, सह, हम किस समय फूल तोड़ सकते हैं?, हमें पूजा के लिए फूल कब तोड़ने चाहिए
[ad_1] भगवान पर पुष्प और पत्तियां चढ़ाने का प्राचीनकाल से विधान है. सनातन धर्म में कई पेड़-पौधों और पुष्पों को देवतुल्य माना गया है. जैसे घर के आंगन में लगा तुलसी का पौधा महज एक पौधा नहीं है बल्कि ये अपने आप में देवतुल्य मानी जाती हैं. वहीं भगवान शिव की आराधना बेलपत्र के बिना
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