Counselling Centre: रिश्तों की नाजुक डोर थाम रहा अलवर का महिला सलाह केंद्र, 200 परिवारों को टूटने से बचाया, कानूनी मदद के साथ समझौते की पहल

Counselling Centre: रिश्तों की नाजुक डोर थाम रहा अलवर का महिला सलाह केंद्र, 200 परिवारों को टूटने से बचाया, कानूनी मदद के साथ समझौते की पहल

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आखरी अपडेट:10 जनवरी, 2025, 11:04 अपराह्न IST

Counselling Centre: खैरथल तिजारा जिले में पारिवारक विवादों पर 70% मामलों में सुलह, महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र ने 200 परिवारों को टूटने से बचाया. थाने में संचालित हो रहे महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र में लीगल एक्सपर्ट एडवोकेट कोयल व काउंसलर दीपिका जांगिड़ एनजीओ…और पढ़ें

एक्स

महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र में तैनात लीगल एक्सपर्ट एडवोकेट व काउंसलर

अलवर. अलवर के खैरथल तिजारा जिला मुख्यालय पर पारिवारिक मामले घरेलू हिंसा से पीड़ित, पति-पत्नी में अलगाव, दहेज से जुड़े विवादों को समझाइश के जरिए खत्म कर राजीनामा कराने के मकसद से लगभग डेढ़ साल पहले खैरथल थाने में 1 महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र शुरू किया गया था. थाने में संचालित इस केंद्र को जिस मकसद के साथ शुरू किया गया था, वो पूरा होता नजर आ रहा है. इन केंद्रों पर आने वाले लगभग 70 फीसदी मामले समझाइश और काउंसलिंग के जरिए सुलझ रहे हैं और कई घर टूटने से बच रहे हैं.

200 मामलों में कराया गया समझौता
राज्य सरकार के महिला अधिकारिता विभाग की ओर से लगभग एक साल पहले खैरथल तिजारा जिला मुख्यालय पर खैरथल थाने में महिला सुरक्षा व सलाह केंद्र शुरू किया गया था. जहां पर तैनात एडवोकेट कोयल जाटव व काउंसलर दीपिका जांगिड़ ने बताया कि अभी तक खैरथल, किशनगढ़ बास, मुंडावर क्षेत्र  के 257 पारिवारिक मामले केंद्र में परामर्श के लिए आए. इसमें केंद्र की सलाहकार द्वारा काफी सूझ-बूझ और समझदारी के साथ 200 मामलों में समझौता कराया गया. इससे परिवारों को टूटने से बचाया गया है. जिसमें पति-पत्नी में अलगाव, दहेज से जुड़े विवादों को समझाइश के जरिए खत्म कर राजीनामा कराकर परिवार को टूटने से बचाया है.

कानूनी सलाह के साथ काउंसलिंग और समझाइश
इस केंद्र में एक लीगल एक्सपर्ट और एक मनोविज्ञान में दक्ष सदस्य द्वारा महिलाओं को उनके अधिकारों से संबंधित जानकारी और घरेलू हिंसा के मामले में क्या किया जाए, इसकी जानकारी देने के साथ ही महिला अत्याचार से पीड़ित महिलाओं को कानूनी सलाह उपलब्ध कराई जाती है. साथ ही काउंसलिंग और समझाइश के जरिए मामले को सुलझाने की पूरी कोशिश की जाती है.

महिलाओं की संवैधानिक अधिकारों का संरक्षण
जिले में पुलिस सर्किल खैरथल में पिछले डेढ़ साल से लक्ष्मी नारायण कांट्रेक्टर मेमोरियल शिक्षण एवं वेलफेयर संस्थान मुंडावर के द्वारा ये केंद्र संचालन किया जा रहा है. इनका उद्देश्य सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर किसी भी रूप में हिंसा से पीड़ित महिला की तुरंत सहायता, मार्गदर्शन और उसके संवैधानिक अधिकारों का संरक्षण करना है.

2024 में 187 पारिवारिक मामले, 124 मामलों में समझौता
खैरथल जिले में स्थापित केंद्र पर 31 दिसंबर 2023 में कुल 70 मामले महिला सुरक्षा एवं सभा कैंसिल में काम सलीम के लिए आए, जिनमें से 31 परिवादों में सलाह समझाइश कर मामला सुलझाया गया. वहीं 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2024 में 187 पारिवारिक मामले महिला सुरक्षा व सलाह के केंद्र पर आए. जिसमें 124 मामलों में समझौता करवाया.

घरेलू हिंसा और आपसी मनमुटाव के ज्यादा मामले
थाने में संचालित हो रहे महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र में लीगल एक्सपर्ट एडवोकेट कोयल व काउंसलर दीपिका जांगिड़ एनजीओ के तहत काम कर रही है. इनका पूरा प्रयास रहता है कि घर परिवार बना रहे. काउंसलिंग के बाद भी मामला नहीं सुलझता है तो फिर आगे की कानूनी कार्रवाई की सलाह दी जाती है. उन्होंने बताया की ज्यादातर प्रकरण घरेलू हिंसा और आपसी मनमुटाव के आते हैं.

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