Amrit Ratna 2024: पिता के डर से लखविंदर वडाली ने सीखा गाना, पूरनचंद ने तंदूर में झोंक दिया था बेटे का क्रिकेट बैट

Amrit Ratna 2024: पिता के डर से लखविंदर वडाली ने सीखा गाना, पूरनचंद ने तंदूर में झोंक दिया था बेटे का क्रिकेट बैट

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नई दिल्ली. Amrit Ratna 2024: देश के नंबर वन न्यूज चैनल न्यूज18 इंडिया का विशेष कार्यक्रम ‘अमृत रत्न’ सम्मान 2024 (Amrit Ratna Honour 2024) फिर से आयोजित हुआ है. अमृत रत्न का उद्देश्य उन भारतीयों को सम्मानित करना है जिन्होंने पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है. देश के अमृत रत्न संगीतकार पूरनचंद वडाली ने बेटे लखविंदर वडाली के साथ इस मंच पर शिरकत की. इस मंच पर उन्होंने पहलवानी छोड़ संगीत का रुख करने के बारे में बात की. इसके साथ ही पूरनचंद वडाली ने अपने पंजाबी गीत ‘तू माने या ना माने असा तो तेनु रब मनया’ से समा बांधा.

पूरनचंद वडाली ने न्यूज18 इंडिया के एंकर प्रतीक त्रिवेदी से बात करते हुए बताया कि उन्होंने अपने पिता के डर से संगीत की राह चुनी. उन्होंने पिता के डर से शुरुआत की थी और देखते ही देखते वो इस राह पर काफी आगे निकल गए. पूरनचंद वडाली ने अपने पिता के भय से संगीत सीखा और फिर अपने डर से बेटे लखविंदर वडाली को भी संगीत सिखाया.

क्रिकेट खेलना चाहते थे लखविंदर
अपने संगीत के सफर के बारे में बात करते हुए लखविंदर वडाली कहते हैं कि बचपन में उनकी रुचि संगीत में नहीं बल्कि क्रिकेट में थी. एक किस्सा साझा करते हुए वो कहते हैं कि एक बार उनके पिता उन्हें संगीत के सुर याद करने को कहकर 5 दिन के कार्यक्रम के लिए चले गए थे.

बेटे पर फूटा था गुस्सा
लखविंदर वडाली को लगा था कि उनके पिता के आने में काफी समय है और वो संगीत का अपना होमवर्क छोड़कर क्रिकेट खेलने चले गए थे, लेकिन हुआ ऐसा कि पिता का कार्यक्रम कैंसिल हो गया और वो बीच रास्ते ही लौट आए. जब उन्होंने वापस आकर लखविंदर से संगीत के होमवर्क के बारे में पूछा और सुर याद नहीं करने की वजह से वो अपने बेटे पर काफी नाराज हो गए थे.

जला दिया था बेटे का क्रिकेट किट
गुस्से में पूरनचंद वडाली ने बेटे लखविंदर के क्रिकेट किट को तंदूर में डलवा दिया था. बेटे का क्रिकेट किट जलाने के बाद उन्होंने समझाया कि उसे क्रिकेट में समय जाया न करके, संगीत पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

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