लगा लीजिए चैलेंज… आपको भी नहीं पता होगा सूजी और रवा में अंतर, सवाल मामूली है लेकिन बड़े-बड़े खा जाते हैं धोखा

लगा लीजिए चैलेंज… आपको भी नहीं पता होगा सूजी और रवा में अंतर, सवाल मामूली है लेकिन बड़े-बड़े खा जाते हैं धोखा

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आखरी अपडेट:17 फरवरी, 2025, 17:24 IST

सूजी महीन पाउडर है जो मिठाइयों में उपयोग होता है, जबकि रवा मोटा होता है जो दक्षिण भारतीय व्यंजनों में उपयोग होता है. सूजी मीठी और पचाने में आसान होती है.

जान लें सूजी और रवा में फर्क.

हाइलाइट्स

  • सूजी महीन पाउडर है, मिठाइयों में उपयोग होता है.
  • रवा मोटा होता है, दक्षिण भारतीय व्यंजनों में उपयोग होता है.
  • सूजी और रवा दोनों ही सेहतमंद हैं, फाइबर और प्रोटीन से भरपूर.

सूजी और रवा, दोनों ही दिखने में एक जैसे लगते है, जिनका उपयोग भारतीय रसोई में कई तरह के डिश में किया जाता है. कई लोग इन दोनों के बीच का अंतर नहीं समझ पाते हैं और दोनों को एक ही मानते है, फिर इसे सूजी का डोसा और रवा का हलवा क्यों नहीं कहते? इसका कैसे यूज होता है और इसमें क्या अंतर होता है, आइए जानते हैं यहां…

सूजी एक प्रकार का मैदा है जो गेहूं के दानों से बनाया जाता है. यह एक महीन पाउडर है जो आमतौर पर हलवा, केक, और अन्य मिठाइयों में उपयोग किया जाता है. सूजी को बनाने के लिए गेहूं के दानों को पीसा जाता है और फिर उसे छाना जाता है ताकि वह महीन और चिकना हो जाए. वहीं रवा एक प्रकार का मैदा है जो गेहूं के दानों से बनाया जाता है, लेकिन यह सूजी से थोड़ा अलग होता है. रवा को बनाने के लिए गेहूं के दानों को पीसा जाता है, लेकिन उसे सूजी की तरह महीन नहीं किया जाता है. इसके बजाय, रवा को थोड़ा मोटा और दरदरा रखा जाता है. रवा का उपयोग आमतौर पर इडली, डोसा, और कई साउथ इंडियन डिश में किया जाता है. इसके अलावा, सूजी का स्वाद थोड़ा मीठा होता है, जबकि रवा का स्वाद थोड़ा तीखा होता है. सूजी को पचाना भी आसान होता है, जबकि रवा को पचाना थोड़ा मुश्किल होता है.

सूजी का रंग हल्का पीला होता है, जबकि रवा सफेद होती है।.इसके अलावा, सूजी ड्यूरम गेहूं से बनाई जाती है, जबकि रवा सामान्य नरम गेहूं से तैयार होती है. पोषण के मामले में सूजी और रवा दोनों ही सेहतमंद हैं. इनमें फाइबर, प्रोटीन और आयरन की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन को बेहतर बनाती है और लंबे समय तक भूख नहीं लगने देती. वजन घटाने के लिए भी ये दोनों फायदेमंद हैं क्योंकि इनमें कम कैलोरी और अधिक फाइबर होता है, जिससे मेटाबॉलिज्म तेज होता है और वेट कंट्रोल में रहता है.

होमेलिफ़ेस्टाइल

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