मेरी वफ़ा का ऐतबार तो है.. दिल्ली चुनाव की तारीखों के बीच CEC की ‘शायरी’ वायरल

मेरी वफ़ा का ऐतबार तो है.. दिल्ली चुनाव की तारीखों के बीच CEC की ‘शायरी’ वायरल

[ad_1]

नई दिल्ली. हर चुनाव से पहले, भारत का चुनाव आयोग एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करता है ताकि मतदान और मतगणना की तारीखों की जानकारी दी जा सके. यह प्रक्रिया सभी चुनाव आयुक्तों की तरफ से की जाती है, चाहे वह राज्य चुनाव हो या आम चुनाव. लेकिन, मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार की मीडिया से बातचीत को खास बनाता है उनका ‘शायरी’ या उर्दू कविता का अंदाज.

2025 दिल्ली चुनाव की तारीखों की घोषणा भी इससे कुछ अलग नहीं थी. ईवीएम और चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाने वालों को जवाब देते हुए, कुमार ने मंगलवार को कहा, “सब सवाल की अहमियत रखते हैं, जवाब तो बनता है. आदतन क़लम-बंद जवाब देते रहे, आज रूबरू भी बनता है. क्या पता कल हो ना हो, आज जवाब तो बनता है.”

दूसरी ‘शायरी’ तब आई जब कुमार चुनाव परिणामों के बाद मतपेटी (बैलेट बॉक्स) में धांधली के आरोप लगाने वाले राजनीतिक नेताओं के बारे में बात कर रहे थे. उन्होंने कहा, “कर ना सके इकरार तो कोई बात नहीं, मेरी वफ़ा का उनको ऐतबार तो है. शिकायत भले ही उनकी मजबूरी हो, मगर सुनना, सहना, सुलझाना हमारी आदत तो है.”

चुनाव आयोग के काम पर शक करने वालों पर अपनी तीसरी ‘शायरी’ सुनाते हुए, राजीव कुमार ने कहा, “आरोपों और इल्ज़ामात का दौर चले, कोई गिला नहीं. झूठ के गुब्बारों को बुलंदी मिले, कोई शिकवा नहीं. हर परिणाम में प्रमाण देते हैं पर वो बिना सबूत शक की नई दुनिया रौनक करते हैं. और शक का इलाज तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं.” इस तरह, राजीव कुमार की शायरियों ने न केवल चुनावी प्रक्रिया पर उठ रहे सवालों का जवाब दिया, बल्कि उनकी अनोखी शैली ने भी लोगों का ध्यान खींचा.

[ad_2]