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बोर्ड एग्जाम में फेल हुए तो भी प्रमोट होंगे: महाराष्ट्र बोर्ड का फैसला; 10वीं में मैथ्स-साइंस में फेल भी 11वीं में जाएंगे
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- हिंदी समाचार
- आजीविका
- महाराष्ट्र बोर्ड परीक्षा में फेल छात्रों को भी 11वीं कक्षा में प्रमोट किया जाएगा
2 घंटे पहले
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महाराष्ट्र में साइंस और मैथ्स में फेल होने पर भी स्टूडेंट्स को 10वीं से 11वीं में प्रमोट किया जाएगा। ये अपडेट महाराष्ट्र सरकार ने स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन यानी SCF-SE में किया है।
नई पॉलिसी के अनुसार, 10वीं के स्टूडेंट्स अगर साइंस और मेथ्स सब्जेक्ट्स में फेल होते हैं तो भी उन्हें 11वीं में भेजा जाएगा। इसकी शर्त सिर्फ इतनी होगी कि इन सब्जेक्ट्स में 20 मार्क्स मिनिमम होने चाहिए।
ताकि कम हो सके ड्रॉप आउट
महाराष्ट्र सरकार ने ये अपडेट स्कूलों से ड्रॉपआउट रेट कम करने और एजुकेशन सिस्टम को स्टूडेंट्स के लिए फ्लेक्सिबल बनाने के लिए किया है। ये कदम इसलिए उठाया गया है ताकि जो स्टूडेंट्स कुछ सब्जेक्ट्स में अच्छा परफॉर्म नहीं कर पा रहे, वो बाकी सब्जेक्ट्स के साथ आगे बढ़ सकें।
नई पॉलिसी के अनुसार, 10वीं में मैथ्स और साइंस में जिन स्टूडेंट्स ने 20 से 34 मार्क्स तक स्कोर किए हैं, उन्हें 11वीं में भेजा जाएगा। हांलाकि ये पॉलिसी सिर्फ मैथ्स और साइंस सब्जेक्ट्स के लिए ही है। दूसरे सब्जेक्टस पर ये लागू नहीं होगी। इसके अलावा स्टूडेंट्स को अपने मार्क्स बेहतर करने के लिए एग्जाम दोबारा देने का भी मौका मिलेगा।

एजुकेशन सिस्टम की निष्पक्षता पर उठे सवाल
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। कुछ का कहना है कि इस पॉलिसी से एजुकेशन स्टैंडर्ड खराब हो रहा है। कुछ लोगों का मानना है कि इससे स्टूडेंट्स के भविष्य को खतरा हो सकता है।
इससे स्टूडेंट्स में कॉम्पिटिशन की भावना खत्म हो जाएगी। वो जितने नंबर मिल रहे हैं उसी में खुश रहने लगेंगे और मेहनत करने से बचने लगेंगे। इससे एक गलत संदेश जाएगा और मैथ्स- साइंस जैसे सब्जेक्ट्स को स्टूडेंट्स हल्के में लेने लग जाएंगे। इससे क्वालिटी ऑफ एजुकेशन खराब होगी।

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