बांग्लादेश में हमलों के खिलाफ हजारों हिंदुओं का प्रदर्शन: हरे कृष्णा-हरे रामा के नारे लगाए, कहा- मर जाएंगे, देश नहीं छोड़ेंगे

बांग्लादेश में हमलों के खिलाफ हजारों हिंदुओं का प्रदर्शन:  हरे कृष्णा-हरे रामा के नारे लगाए, कहा- मर जाएंगे, देश नहीं छोड़ेंगे

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ढाका14 मिनट पहले

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बांग्लादेश में हसीना के इस्तीफे के बाद से हिंसा, लूटपाट और आगजनी की घटनाएं बढ़ गई हैं। इनके खिलाफ शुक्रवार को हिंदू जागरण मंच ने ढाका में प्रदर्शन किया। बांग्ला अखबार ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक शाहबाग चौक पर हजारों हिंदू जमा हुए और हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने हरे कृष्णा-हरे रामा का नारा भी लगाया।

हिंदू जागरण मंच के आयोजकों ने कहा कि दिनाजपुर में चार हिंदू गांवों को जला दिया गया है। लोग बेसहारा हो गए हैं। छुप-छुपकर रहने को मजबूर हैं। बांग्लादेश में शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से ही हिंदू समुदाय पर हमले बढ़ गए हैं।

प्रदर्शन कर रहे हिंदुओं को हरे-कृष्णा का नारा लगाते हुए देखिए…

हमलों को रोकने के लिए कड़े कानून की मांग
प्रदर्शन के दौरान हिंदू समुदाय ने अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्थापना, अल्पसंख्यक संरक्षण आयोग का गठन, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने और संसद में अल्पसंख्यकों के लिए 10 फीसदी सीटें रखने की मांग की।

प्रदर्शनकारियों ने हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए मुआवजा भी मांगा। इसके अलावा तोड़े गए मंदिरों को फिर से बनाने की भी मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे इस देश में पैदा हुए हैं। यह उनके पूर्वजों की जमीन है। यह देश उनका भी उतना ही है। वे भले ही यहां मार दिए जाएं, फिर भी अपना जन्मस्थान बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे। अपना अधिकार पाने के लिए सड़कों पर रहेंगे।

अवामी लीग ने भी चिंता जताई
बांग्लादेश में हिंसा के बाद से ही हजारों बांग्लादेशी हिंदू भारत आने के लिए सीमा पर पहुंचे हुए हैं। उन्हें समझा-बुझाकर वापस भेजा जा रहा है। हिंदू नागरिकों के खिलाफ हिंसा को लेकर शेख हसीना की अवामी लीग ने भी चिंता जताई है।

पार्टी ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि बांग्लादेश में 5 अगस्त से ही हिंदू अपने साथियों, संपत्तियों और मंदिरों पर हमलों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ जारी हिंसा के बीच संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने कहा कि वह नस्लीय आधार पर किसी भी हमले या हिंसा के खिलाफ हैं। उन्होंने हिंसा को खत्म करने की अपील की।

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शुक्रवार को प्रदर्शन करते हिंदू संगठन से जुड़े लोग।

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शुक्रवार को प्रदर्शन करते हिंदू संगठन से जुड़े लोग।

52 जिलों में हिंदुओं पर हमले हुए, मोहम्मद यूनुस से मांगी सुरक्षा
बांग्लादेश की आबादी 17 करोड़ है, जिसमें हिंदू करीब 7.95% (1.35 करोड़) हैं। बांग्लादेश में हिंदू दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। देश के 64 में से 61 जिले में हिंदुओं की बड़ी आबादी रहती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश में हिंदू, हसीना की पार्टी अवामी लीग के समर्थक माने जाते हैं। यही वजह है कि अब वे निशाने पर हैं।

बांग्लादेश हिंदू, बौद्ध, ईसाई एकता परिषद के मुताबिक, देश के 64 में से 52 जिले में हिंदुओं और उनकी संपत्तियों को निशाना बनाया गया। परिषद ने कहा है कि अल्पसंख्यकों की आबादी डर-डरकर जीने को मजबूर है। उन्होंने सरकार प्रमुख मोहम्मद यूनुस से सुरक्षा और संरक्षण की मांग की है।

पहले भी कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे हैं हिंदू और मंदिर
7 जनवरी 2024 को बांग्लादेश में आम चुनाव हुए थे। अल्पसंख्यकों ने शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को वोट दिए थे। हालांकि, चुनाव के बाद अल्पसंख्यकों पर हमले शुरू हो गए और शेख हसीना सरकार उन्हें नहीं रोक पाई। अल्पसंख्यक संगठनों ने दावा किया कि हर महीने कम से कम 3 हमले हो रहे हैं।

शेख हसीना के 5वीं बार बांग्लादेश के PM की शपथ लेने के बाद बांग्लादेश के 6 जिलों कुश्तिया, बागेरहाट, जेनैदाह, गैबांधा, चटगांव और सिलहट में हिंदुओं पर हमले हुए थे।

बांग्लादेश में घट रही हिंदुओं की आबादी

  • 2011 की जनगणना के मुताबिक, 16.5 करोड़ की आबादी वाले बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी 8.5% है, जबकि 90% से ज्यादा मुस्लिम आबादी है। बांग्लादेश में मुस्लिम और हिंदू दोनों मुख्यत: बंगाली हैं, यानी भाषा और सांस्कृतिक रूप से उनमें समानता है। धर्म की वजह से उनके बीच दूरियां हैं, जिसका फायदा कट्टरपंथी उठाते हैं।
  • बांग्लादेश सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 1980 के दशक में बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी 13.5% थी। वहीं, 1947 में भारत, पाकिस्तान की आजादी के साथ बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान बना था। उस समय वहां हिंदुओं की आबादी करीब 30% थी।
  • करीब चार दशकों में बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी 13.5% से घटकर 8.5% रह गई। बांग्लादेशी सरकार के 2011 के जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, एक दशक में हिंदुओं की संख्या में कम से कम 10 लाख की कमी आई।
  • एक रिपोर्ट के मुताबिक, ढाका यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री और प्रोफेसर अब्दुल बरकत ने अपनी स्टडी में पाया कि पिछले कुछ साल में सुरक्षा और आर्थिक वजहों से हर दिन करीब 750 हिंदू बांग्लादेश से पलायन कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर हिंदू भारत आने की कोशिश करते हैं।

हसीना के विरोधियों से मिल रहे थे अमेरिकी अधिकारी:पूर्व PM ने कहा था-एक गोरा चुनाव में ऑफर दे रहा; क्या अमेरिका ने गिराई सरकार

अप्रैल 2023 की बात है। शेख हसीना बांग्लादेश की संसद में भाषण देते हुए कहती हैं, “अमेरिका चाहे तो किसी भी देश में सत्ता बदल सकता है। अगर उन्होंने यहां कोई सरकार बनवाई तो वो लोगों की चुनी सरकार नहीं होगी।”

हसीना के इस बयान के एक साल और 3 महीने बाद 5 अगस्त को न सिर्फ उन्हें इस्तीफा देना पड़ता है, बल्कि देश तक छोड़ना पड़ा। 3 दिन बाद बांग्लादेश में गुरुवार रात को अंतरिम सरकार बनी। सेना ने इस सरकार को एडवाइजरी काउंसिल नाम दिया है। नोबेल पीस प्राइज विजेता मोहम्मद यूनुस को इसका चीफ बनाया गया है।

वही, मोहम्मद यूनुस जिन पर हसीना विदेशी एजेंट होने के आरोप लगाती रही हैं। यूनुस के अमेरिका से अच्छे संबंध हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या अमेरिका ने हसीना के तख्तापलट में कोई भूमिका निभाई है। 3 वजहें जो इसकी तरफ इशारा करती हैं… पूरी खबर यहां पढ़ें…

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