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नाग पंचमी पर सांप को भूलकर भी न पिलाएं दूध, जानें कैसे हुई इस पर्व की शुरुआत, कुछ खास बातों का रखें ध्यान
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सावन की पंचमी तिथि को आस्तिक ने नागों को यज्ञ में जलने से बचाया था.उन्होंने नागों के ऊपर दूध डालकर उनके शरीर को शीतलता प्रदान की थी.
नाग पंचमी 2024: सावन का महीना पवित्र और खास माना गया है. यह भगवान शिव का तो प्रिय है ही माता पार्वती की पूजा और आराधना भी इस महीने में की जाती है. साथ ही इसी महीने में भगवान शिव के गले का श्रृंगार कहे जाने वाले नाग देवता की भी पूजा की जाती है. इस खास दिन को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है. लेकिन इसकी शुरुआत कैसे हुई और किन चीजों से नाग देवता की पूजा की जाती है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा साथ ही जानेंगे इस दिन आपको किन बातों का विशेष तौर पर ख्याल रखना चाहिए.
कैसे हुई नाग पंचमी की शुरुआत
पुराणों के अनुसार, सागर मंथन के दौरान माता की आज्ञा ना मानने के कारण नाग को राजा जनमेजय के यज्ञ में जलकर भस्म होने का श्राप मिला था. श्राप से मुक्ति के लिए जब वे भगवान ब्राह्मा की शरण में पहुंचे तो उन्होंने बताया कि नागवंश में महात्मा जरत्कारू के पुत्र आस्तिक का जन्म होगा और वही आपकी रक्षा करेंगे. वहीं जिस दिन यह उपाय ब्रह्मा जी ने नागों की रक्षा के लिए बताया था उस दिन पंचमी तिथि थी.
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ऐसा वर्णित है कि, सावन की पंचमी तिथि को आस्तिक ने नागों को यज्ञ में जलने से बचाया था. उन्होंने नागों के ऊपर दूध डालकर उनके शरीर को शीतलता प्रदान की थी. इस दौरान नागों ने आस्तिक मुनि से कहा था कि पंचमी के दिन जो भी व्यक्ति मेरी पूजा करेगा उसे नागदंश का भय नहीं रहेगा और इसी के साथ नाग पंचमी की शुरुआत हुई.
पूजा सामग्री
नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा में दूध, धान का लावा, धान, दूर्वा घास और गाय का गोबर शामिल होता है. जिससे नाग देवता की विधि विधान से पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराया जाता है. इस दिन नाग देवता की पूजा और दान से व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.
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इन बातों का रखें ध्यान
नाग पंचमी को लेकर एक भ्रम लोगों में होता है कि इस दिन नाग देवता को दूध पिलाना चाहिए. लेकिन, शास्त्रों नाग देवता को दूध से स्नान कराने को कहा गया है. वहीं विज्ञान के अनुसार भी नाग दूध को नहीं पचा सकते और इसके चलते उनकी मृत्यु तक हो जाती है. इसलिए आप ऐसा करने से बचें.
टैग: ज्योतिष, Dharma Aastha, सावन महीना
पहले प्रकाशित : 4 अगस्त, 2024, 12:12 IST
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