दम तोड़ रहा बांध: लाखावास बांध में घुल रहा जहर, 4 कछुए-सैकड़ों मछलियां मरीं – Jaipur News

दम तोड़ रहा बांध:  लाखावास बांध में घुल रहा जहर, 4 कछुए-सैकड़ों मछलियां मरीं – Jaipur News

[ad_1]

शील की डूंगरी लाखावास बांध इस समय जलीय जीवों के लिए काल बना हुआ है। पानी मंे घुलते सीवर और केमिकल के चलते एक ही दिन में 4 कछुए और सैकड़ों बड़ी मछलियां मर गईं। बांध में शहर से निकलने वाला गंदा पानी, सांगानेर क्षेत्र में चल रही रंगाई-छपाई की फैक्ट्रियों

.

यह तहसील का यह सबसे बड़ा बांध है, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इसी के पानी से आसपास के गांवों में खेती भी होती है। चंदलाई बांध के ओवरफ्लो होने के बाद जयपुर शहर से निकलने वाला गंदा पानी 30 किमी का सफर कर इस बांध तक पहुंचता है। इस बीच कई जगह सैकड़ों इंजन रखे हुए हैं, जिनसे आसपास के ग्रामीण खेती करते हैं।

पांच साल पहले चंदलाई बांध में मरे थे कछुए
ऐसी ही घटना मई 2019 में चंदलाई बांध में भी हुई थी। तब एकसाथ 49 कछुए और सैकड़ों मछलियां मृत मिली थीं। 2011 से चंदलाई और लाखावास बांध को लेकर एक्टिव बर्ड एक्सपर्ट किशन मीणा ने बताया कि 2019 में जब ये घटना हुई थी तब भी जिम्मेदारों ने कोई सुध नहीं ली थी।

बार-बार शिकायत करने पर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट इन्हें पोस्टमार्टम के नाम पर उठा ले गया। जब मौत का कारण ठंड को बताया था। सोचने वाली बात ये है कि चंदलाई और लाखावास बांध में जयपुर शहर से निकलने वाला गंदा पानी जाता है, जो बांध में पहुंचते-पहुंचते काफी गर्म हो जाता है। मई माह में जहां तापमान 45 से अधिक जा रहा है, ऐसे वक्त में कछुओं और मछलियों की मौत ठंड से कैसे हो सकती है।

  • बांध की भराव क्षमता 14 फीट है, लेकिन फिलहाल पानी 4 फीट ही है।
  • ⁠पानी कम होने से ऑक्सीजन लेवल घटा, जिससे मछलियां मरी।
  • सुबह के समय बादल छाने से भी ऑक्सीजन लेवल कम रहता है।
  • गंदे पानी में केमिकल रिएक्शन से कछुओं की मौत हो सकती है।

[ad_2]