घर में क‍ितनी सीढ़‍ियों होनी चाहिए? वास्‍तु के अनुसार कैसे बनेंगी शुभ, जानें गलत हो द‍िशा तो क्‍या करें उपाय

घर में क‍ितनी सीढ़‍ियों होनी चाहिए? वास्‍तु के अनुसार कैसे बनेंगी शुभ, जानें गलत हो द‍िशा तो क्‍या करें उपाय

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सीढ़ियों के लिए वास्तु टिप्स: घर एक ऐसी जगह है, जो हमारे ल‍िए बहुत अहम होता है. अपने जीवन का एक बड़ा ह‍िस्‍सा हम अपने घर में ही ब‍िताते हैं. यही वजह है कि हमारे घर की एनर्जी, उसकी ऊर्जा का हमारे जीवन पर भी काफी प्रभाव पड़ता है. ऐसे में अगर घर में नकारात्‍मक ऊर्जा हो तो, जीवन में आने वाले संकट भी दोगुने हो जाते हैं. यही वजह है कि घर बनाते वक्‍त वास्‍तु का व‍िशेष ध्‍यान रखा जाता है. लेकिन कई बार कुछ ऐसी गलत‍ियां हो जाती हैं, जो लंबे समय तक प्रभाव‍ित करती हैं. घर का एक अहम ह‍िस्‍सा होती हैं, सीढ़‍ियां. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि घर में बनने वाली सीढ़‍ियों की संख्‍या भी बहुत अहम होती है. सीढ़‍ियां क‍िस द‍िशा में बनाई गई हैं, ये बात भी वास्‍तु दोष का कारण बन सकती है. आइए बताते हैं इसके बारे में.

प्रस‍िद्ध ज्‍योत‍िष और वास्‍तु व‍िशेषज्ञ डॉ. मधुप्र‍िया बताती हैं, ‘सीढ़‍ियों को वास्‍तु में प्रगति का पर‍िचायक माना जाता है. इसे हमेशा वास्‍तु के अनुसार बनवाना चाहिए. सीढ़‍ियों की संख्‍या हमेशा व‍िषम राश‍ि में होनी चाहिए. जैसे अगर छोटे स्‍टैप हैं तो 3, 5 या 7 सीढ़‍ियां बनवानी चाहिए. वहीं अगर ज्‍यादा सीढ़‍ियां बनवानी हैं तो 11, 15, 17, 23 इस संख्‍या में आप बनवा सकते हैं. पर हमेशा सीढ़‍ियां व‍िषम संख्‍या में ही होनी चाहिए. सीढ़‍ियों की संख्‍या के साथ-साथ उनकी द‍िशा भी बहुत अहम होती है. उसका भी हमेश ध्‍यान रखना चाहिए.’

घर में सीढ़‍ियां हमेशा व‍िषम संख्‍या में होनी चाहिए.

इस द‍िशा में कभी नहीं बनवाना सीढ़‍ियांं
डॉ. मधुप्र‍िया बताती हैं, ‘सीढ़‍ियां हमेशा दक्ष‍िण-पश्चिम में होनी चाहिए. लेकिन कई बार दक्ष‍िण-पश्‍च‍िम में जगह नहीं होती तो आप पश्चिम में या दक्ष‍िण में सीढ़‍ियां बना सकते हैं. अगर इन द‍िशाओं में जगह न हो तो आप घर की पूर्व द‍िशा में भी सीढ़‍ियां बना सकते हैं. लेकिन आपको कभी भी नोर्थ-ईस्‍ट में कभी नहीं बनानी चाहिए. इस द‍िशा को हमेशा हल्‍का रखना चाहिए. सीढ़‍ियों के घुमाव से भी एनर्जी का प्रभाव बढ़ता है. जब घुमावदार सीढ़‍ियां बना रहे हों तो हमेशा कोश‍िश करें कि सीढ़‍ियां उत्तर द‍िशा से शुरू होकर दक्ष‍िण में खत्‍म होनी चाहिए. इसके व‍िपरीत नहीं होना चाहिए. उल्‍टा होने पर हमेशा व‍िपरीत पर‍िस्‍थ‍ियों का सामना करना पड़ता है.’ डॉ. मधुप्र‍िया आगे बताती हैं कि बहुत ज्‍यादा घुमावदार सीढ़‍ियों से बचना चाहिए. कोशिश करनी चाहिए कि सीढ़‍िया जहां से शुरू और जहां खत्‍म हो, वहां दरवाजा जरूर बनाना चाहिए. इसके साथ ही सीढ़ि‍यों के नीचे वाले ह‍िस्‍से में लोग अल्‍मारी रख देते हैं, या अल्‍मारी बनवा लेते हैं. कई बार बाथरूम या पूजा घर बना लेते हैं. लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. ये शुभ नहीं होता है.’

सीढ़ियों के लिए वास्तु टिप्स

ज्‍यादा घुमावदार सीढ़‍िया नहीं होनी चाहिए.

सीढ़‍ियों की द‍िशा गलत हो तो क्‍या करें?
वास्‍तु व‍िशेषज्ञ डॉ. मधुप्र‍िया बताती हैं कि अगर सीढ़‍ियां नोर्थ या नोर्थ-ईस्‍ट में होती हैं तो इसे शुभ नहीं माना जाता. इससे आपको आर्थ‍िक नुकसान झेलने पड़ सकते हैं. इसके अलावा माइग्रेन की परेशानी भी आपको झेलनी पड़ सकती है. अगर आपकी सीढ़‍ियों में वास्‍तु दोष हो तो आप एक उपाय कर सकते हैं कि कछुआ बनाकर अपनी सीढ़‍ियों के सबसे पहली सीढ़ी के नीचे रख सकते हैं. इसके अलावा अगर इन दो द‍िशाओं में सीढ़‍िया हैं तो उन्‍हें बेहद कम वजन वाला रखना चाहिए. यानी आपको अगर नोर्थ या नोर्थ-ईस्‍ट में सीढ़‍ियां बनवानी पड़ जाएं तो इसे पत्‍थर के बजाए लकड़ी का बनवाएं. इससे ये दोष कुछ हद तक कम हो जाएगा.’

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