कोलकाता रेप-मर्डर केस, ट्रेनी डॉक्टर का डेथ सर्टिफिकेट जारी नहीं: पीड़ित परिवार बोला- कोलकाता नगर निगम और अस्पताल लापरवाही दिखा रहे

कोलकाता रेप-मर्डर केस, ट्रेनी डॉक्टर का डेथ सर्टिफिकेट जारी नहीं:  पीड़ित परिवार बोला- कोलकाता नगर निगम और अस्पताल लापरवाही दिखा रहे

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  • कोलकाता आरजी कार अस्पताल केस; पीड़ित मृत्यु प्रमाण पत्र | केएमसी नगर निगाम

कोलकाता4 घंटे पहले

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9 अगस्त 2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था।

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले में पीड़ित परिवार ने नया आरोप लगाया है। डॉक्टर के माता-पिता के मुताबिक अभी तक बेटी का डेथ सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है।

परिवार ने आरोप लगाया कि कोलकाता नगर निगम (KMC) डेथ सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रही है। जबकि पानीहाटी नगर पालिका बेटी के दाह संस्कार का सर्टिफिकेट जारी कर चुकी है।

माता-पिता ने बताया कि KMC अधिकारियों ने कहा है कि डेथ सर्टिफिकेट जारी करने की जिम्मेदारी आरजी कर अस्पताल की है। जबकि, अस्पताल प्रबंधन का कहा है कि सर्टिफिकेट KMC जारी करेगा।

परिवार के मुताबिक आरजी कर के अधिकारियों ने कहा है कि KMC को अस्पताल में होने वाली मौत के लिए डेथ सर्टिफिकेट जारी करना चाहिए। इसमें वो भी शामिल होने चाहिए जो मृत अवस्था में अस्पताल में लाए गए थे।

वहीं, सिविल हेल्थ डिपार्टमेंट ने कहा है कि KMC नेचुरल और अननेचुरल डेथ के सर्टिफिकेट जारी करता है। इनमें KMC के अंडर आने वाले सभी सरकारी अस्पताल भी शामिल हैं।

कोलकाता के सियालदह कोर्ट में केस का ट्रायल 12 नवंबर 2024 को शुरू हुआ था, इसके 57 दिन बाद संजय को दोषी करार दिया गया था।

कोलकाता के सियालदह कोर्ट में केस का ट्रायल 12 नवंबर 2024 को शुरू हुआ था, इसके 57 दिन बाद संजय को दोषी करार दिया गया था।

दोषी संजय को उम्रकैद की सजा इस मामले में 18 जनवरी को कोर्ट ने संजय को दोषी करार दिया और 20 जनवरी को उम्रकैद की सजा सुनाई। हालांकि ट्रेनी डॉक्टर की फैमिली केस की जांच से संतुष्ट नहीं है। उसका कहना है कि CBI ने असली कातिल को नहीं पकड़ा।

अदालत ने 162 दिन बाद फैसला सुनाया है। CBI ने आरोपी संजय के लिए फांसी की मांग की है। वहीं, संजय की बड़ी बहन ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के इस फैसले को किसी भी अदालत में चुनौती देने की कोई योजना नहीं है।

फैसले के बाद दोषी संजय ने कहा-

उद्धरण

मुझे इस मामले में फंसाया गया है। मैंने यह काम नहीं किया। जिन्होंने ये काम किया है, उन्हें जाने दिया गया है। एक IPS इसमें शामिल है। मैं रुद्राक्ष की माला पहनता हूं और अगर मैंने अपराध किया होता तो यह टूट जाती।

उद्धरण

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रात 8.10 बजे ट्रेनी डॉक्टर घर से अस्पताल के लिए निकली। रात 11.15 बजे उसने आखिरी बार अस्पताल से ही मां से फोन पर बात की। अगले दिन सुबह 10:53 बजे उसके घर पर कॉलेज स्टाफ का फोन आया। बताया कि उनकी बेटी की तबीयत खराब है। उसे इमरजेंसी में ले जाया जा रहा। कई बार पूछने पर भी फैमिली को उसकी कंडीशन के बारे में नहीं बताया। पूरी खबर पढ़ें…

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