कप्तानी या लंबा करियर… किसे चुनेंगे जसप्रीत बुमराह, BCCI भी पसोपेश में, किसे बनाए नया कप्तान

कप्तानी या लंबा करियर… किसे चुनेंगे जसप्रीत बुमराह, BCCI भी पसोपेश में, किसे बनाए नया कप्तान

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नई दिल्ली. कहते हैं दूध का जला, छाछ भी फूक-फूक कर पीता है. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) का हाल भी यही है. भारत को टेस्ट टीम के लिए नए कप्तान की जरूरत है. इस रेस में जसप्रीत बुमराह सबसे आगे हैं. वे चयनकर्ताओं से लेकर मौजूदा खिलाड़ियों की पहली पसंद हैं. इसके बावजूद भारतीय बोर्ड शायद ही जसप्रीत बुमराह को कप्तान बनाए. वजह- माना जा रहा है कि बुमराह को कप्तान बनाए जाने से उनका पूरा करियर ही खतरे में पड़ सकता है. आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों कहा जा रहा है.

जसप्रीत बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 टेस्ट में 32 विकेट झटके थे. वे सिडनी टेस्ट की आखिरी पारी में बॉलिंग नहीं करने के बावजूद सीरीज में सबसे कामयाब गेंदबाज रहे. भारत ने सीरीज में सिर्फ एक टेस्ट मैच जीता, उसकी जीत के हीरो भी बुमराह ही रहे थे. भारत पर्थ में खेले गए इस मैच में 150 रन पर आउट हो गया था. बुमराह ने इसके बावजूद भारत को लीड दिला दी थी, जो मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुई थी.

भारत से लेकर दुनिया के कई दिग्गजों ने कहा कि ऐसा लगा कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत की ओर से सिर्फ जसप्रीत बुमराह ही खेल रहे थे. ऐसा इसलिए क्योंकि पूरी सीरीज में सिर्फ एक खिलाड़ी के प्रदर्शन में निरंतरता रही. बुमराह सीरीज के पहले और आखिरी मैच में कप्तान भी रहे. तीन मैच के बाद सीरीज 1-1 से बराबर थी. शायद यही वजह रही कि बुमराह ने चौथे टेस्ट में सबसे ज्यादा बॉलिंग की. उन्होंने 53 ओवर गेंदबाजी की. इसका बुरा असर चौथे टेस्ट मैच में दिखा, जिसमें बुमराह 10 ओवर गेंदबाजी करने के बाद चोटिल हो गए. उनका दर्द उभर आया और फिर वे पूरे मैच में बॉलिंग नहीं कर पाए. भारतीय टीम लीड लेकर भी यह मैच नहीं जीत सकी और इसकी एक वजह बुमराह को लगी चोट को भी माना गया.

यह पहली बार नहीं था जब जसप्रीत बुमराह चोट के कारण टीम से बाहर हुए हैं.यह खिलाड़ी 2018 से ही चोट से परेशान रहा है. साल 2018 में उन्हें आयरलैंड दौरे से हटना पड़ा था. साल 2019 में बुमराह वेस्टइंडीज से सीरीज के दौरान कमर की दर्द से परेशान हुए. इसके कारण उन्हें 3 महीने तक मैदान से बाहर रहना पड़ा. साल 2021 में सिडनी टेस्ट के दौरान ही उनकी मांसपेशियों खिंचाव आ गया. साल 2022 में बुमराह चोट की वजह से एशिया कप और टी20 वर्ल्ड कप में नहीं खेल पाए. फिर साल 2023 में आईपीएल और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी जस्सी को बाहर रहना पड़ा.

चोट की इस लंबी फेहरिश्त के चलते ही कई पूर्व क्रिकेटर नहीं चाहते कि बुमराह को कप्तान बनाया जाए. यह कुछ ऐसा है कि बुमराह का हक बनता है कि वे कप्तान बनें. अपने प्रदर्शन से उन्होंने यह हक हासिल किया है. लेकिन चोट का इतिहास देखते हुए उन्हें सारे मैच खेलने से बचाना होगा. कप्तान होने पर वे बार-बार ब्रेक नहीं ले सकेंगे. अगर ब्रेक लेंगे तो टीम की प्लानिंग पर असर पड़ेगा. यही वजह है कि बुमराह के हक से ज्यादा टीम हित की बात हो रही है.

भारतीय क्रिकेट टीम का हित इसी में है कि जसप्रीत बुमराह का वर्कलोड मैनेज कर उन्हें अहम मैचों और सीरीज के लिए फिट रखा जाए. इससे बुमराह कप्तान बनने का एक ऐसा हक खो सकते हैं, जो हर भारतीय क्रिकेटर का सपना होता है. लेकिन यह बुमराह भी मानेंगे कि उनका कप्तान बनने से ज्यादा जरूरी टीम के लिए खेलना है. कोई नहीं जानता कि किसी को चोट कब और कहां लग जाए. लेकिन जिस खिलाड़ी का इतिहास ही चोट से भरा पड़ा है, उसे तो संभालकर रखना ही होगा. इस बात में कोई शक नहीं कि अगर बुमराह को कप्तान बनाया गया और उन्हें ज्यादा मैच खेलने के लिए बाध्य किया गया तो यह उनके करियर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. बुमराह का करियर छोटा भी कर सकता है और ना तो टीम मैनेजमेंट और ना ही कोई फैन चाहेगा कि किसी भी कारण से भारत को इस अनमोल पेसर का करियर प्रभावित हो. इसीलिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड बुमराह की जगह किसी और खिलाड़ी को कप्तान बनाने की दिशा में आगे बढ़ चला है.

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