अन्नामलाई, वासन ने तमिलनाडु सरकार से बिजली दरों में बढ़ोतरी वापस लेने का आग्रह किया

अन्नामलाई, वासन ने तमिलनाडु सरकार से बिजली दरों में बढ़ोतरी वापस लेने का आग्रह किया

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तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई और टीएमसी (मूपनार) अध्यक्ष जीके वासन चेन्नई में। फाइल फोटो | फोटो क्रेडिट: द हिंदू

भारतीय जनता पार्टी के तमिलनाडु अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने मंगलवार, 16 जुलाई, 2024 को कहा कि यह चौंकाने वाला है कि राज्य में सत्ता में आने के तीन साल के भीतर सत्तारूढ़ डीएमके सरकार ने आम लोगों पर बोझ डालते हुए संपत्ति कर, जल शुल्क, दूध उत्पादों की कीमतों, स्टांप शुल्क और बिजली शुल्क में कई गुना वृद्धि की है।

श्री अन्नामलाई ने सोशल मीडिया पर एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि तमिलनाडु सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 65,000 करोड़ रुपये की बिजली खरीदी है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए कोई कदम उठाए बिना ही बिजली खरीद की लागत उपभोक्ताओं पर डाल दी है।

उन्होंने कहा, “जबकि कई राज्यों ने सौर ऊर्जा का उपयोग करके बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं, डीएमके सरकार बिजली उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय बिजली खरीद की मात्रा में वृद्धि जारी रखे हुए है। इससे अंततः बिजली शुल्क में बार-बार संशोधन होगा। डीएमके के द्रविड़ सरकार के मॉडल में प्रशासन के बारे में बुनियादी ज्ञान का भी अभाव है।”

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सरकार ने बिजली शुल्क का मासिक बिल और स्मार्ट मीटर लगाने के अपने चुनावी वादे को अभी तक क्यों लागू नहीं किया है। उन्होंने सरकार से बिजली दरों में की गई बढ़ोतरी को तुरंत वापस लेने और सौर ऊर्जा का उपयोग करके बिजली उत्पादन बढ़ाने के उपाय करने और बिजली शुल्क का मासिक बिल लागू करने का आग्रह किया।

तमिल मनीला कांग्रेस (मूपनार) के अध्यक्ष जीके वासन ने एक बयान में कहा कि बिजली दरों में वृद्धि से अंततः आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी और आम लोगों पर बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बिजली दरों में वृद्धि से औद्योगिक क्षेत्र पर भी असर पड़ेगा और इसे वापस लेने की मांग की।

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